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क्षत्रिय नागवंशी कोलिय कुल(Kshatriya Nagvanshi Koli Kul)

क्षत्रिय नागवंशी कोलिय कुल(Kshatriya Nagvanshi Koli Kul):

क्षत्रिय नागवंशी कोलिय कुल एक विशुद्ध क्षत्रिय कुल है।अगर आप भगवान गौतम बुद्ध को जानते हैं तो आप कोलिय को भी भली भांति पहचानते हैं। गौतम बुद्ध की माताजी नागवंशी क्षत्रिय कोलिय राजकुमारी थी। सिंह शब्द का उच्चारण सर्वप्रथम "शाक्य सिंह" सिद्धार्थ गौतम के लिए किया गया। सूर्यवंशी क्षत्रियो की शाखा नागवंशी क्षत्रिय है और नागवंशी क्षत्रियो की शाखा कोलिय कुल है।

कोलिय क्षत्रियो को  नागवंशी क्षत्रिय भी कह सकते हैं, ऐसा माना जाता है कि सूर्य की तीसरी पत्नी क्रोधवशा से नागवंश की उत्पत्ति हुई। और इससे आगे  नागवंशी क्षत्रिय राजा राम ओर सूर्यवँशी शाक्य राजकुमारी पिया से काशी में  क्षत्रिय नागवंशी कोलिय कुल आगे बढ़ा।  काशी महादेव की भूमि है और काशी पर नागवंशी क्षत्रियों का ही राज्य रहा है। जैन धर्म के तेइसवें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने काशी के महाप्रतापी राजा अश्वसेन के पुत्ररूप मैं जन्म लिया था जो एक नागवंशी कोलिय क्षत्रिय थे।

 
 

 

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